मांसाहार के शौकीनों को अब बिना किसी जानवर को मारे ही साफ-सुथरा मांस खाने को मिलेगा।
टोक्यो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में ही आधुनिक तरीकों से जानवरों का मांस बनाने का दावा किया है जिससे भविष्य में मांस की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा।
यूं तो दुनिया भर के कई केंद्रों में प्रयोगशाला निर्मित मांस के ऊतकों का विकास किया जा रहा है। लेकिन अधिकांश बायोसिंथेटिक मांस आकारहीन या कीमे जैसे दानेदार होते है और स्वाद में भी असली जानवर के मांस जैसे नहीं लगते।
कोशिकाओं, अंगों या ऊतकों को फिर से बनाने, मरम्मत करने या बदलने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं से विकसित तकनीकों का उपयोग करते हुए विश्वविद्यालय के शोधकर्ता आखिरकार ऐसे मांस के छोटे टुकड़े बनाने में सफल रहे जो स्टेक (steak) की बनावट और स्वाद जैसे लगते है।
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प्रयोगशाला में बना स्टेक का यह प्रमाणित विकल्प प्राकृतिक बीफ के बहुत करीब पाया गया। साथ ही, बैक्टिरया संक्रमण न मिलने से इसकी स्वच्छता, उपभोक्ता स्वीकार्यता और सेवन के लिए रखरखाव का लंबा समय बना रहा।
शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि इस पद्धति से बने असली मांस जैसे दिखते बड़े हिस्सों को भविष्य में पशु स्रोतों की जगह आहार में लिया जा सकेगा।
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