वैज्ञानिकों ने ऐसे हार्मोन का पता लगाया है जो बढ़ती उम्र और मोटापे से हुई कमजोर मांसपेशियों (muscle loss) को रोकने में मदद कर सकता है।
वजन बढ़ने को रोकने और मेटाबॉलिज्म (metabolism) को सामान्य रखने वाला यह हार्मोन स्वस्थ मांसपेशियों (muscles) को बनाए रखने में मदद भी कर सकता है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी-एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित इस अध्ययन में मांसपेशियों पर बढ़ती उम्र और मोटापे से होने वाले नकारात्मक प्रभावों का विश्लेषण किया गया।
यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने देखा कि माइटोकॉन्ड्रिया में पाया जाने वाला MOTS-c नाम का एक छोटा-सा हार्मोन एक्सरसाइज से होने वाले फायदों की नकल करता है।
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उन्होंने फैट खाकर मोटे हुए चूहों का इलाज MOTS-c से किया तो इसने मांसपेशियों के विकास को रोकने वाले प्रोटीन, मायोस्टेटिन (myostatin), के स्तर को कम कर दिया।
इससे मोटापे से कमजोर हुई मांसपेशियों को ठीक होने में मदद मिली।
MOTS-c से उपचारित चूहों में मायोस्टैटिन का स्तर नियंत्रित चूहों की तुलना में 40 फीसदी कम पाया गया।
अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला कि MOTS-c न केवल मेटाबॉलिक फंक्शन बल्कि मांसपेशियों को भी बेहतर बनाता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि मनुष्यों में MOTS-c स्तर बढ़ने पर मायोस्टैटिन का स्तर नीचे हो जाता है।
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उनके अनुसार, ऐसे परिणाम उम्र अधिक होने, मोटापे, कैंसर, इंसुलिन रेजिस्टेंस और सरकोपेनिया (sarcopenia) सहित अन्य मांसपेशियों को कमजोर करने वाली बीमारियों के इलाज में नई संभावनाएं दिखाते है