बढ़ती उम्र में सेहत को बनाए रखने और बीमारियों से बचने के लिए अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
लेकिन इसके लिए किस तरह का प्रोटीन खाना अच्छा रहेगा, इस बारे में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में एक नया शोध छपा है।
अध्ययन बताता है कि पौधों से मिलने वाले प्रोटीन के ज्यादा सेवन से बड़ी उम्र की महिलाओं में सभी कारणों से मृत्यु का 9 प्रतिशत, हृदय रोग से मृत्यु का 12 प्रतिशत और डिमेंशिया से मृत्यु का 21 प्रतिशत कम खतरा सामने आया।
अध्ययन के लिए विशेषज्ञों ने एक लाख से अधिक रजोनिवृत्ति (postmenopausal) महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया जिनकी आयु 50 से 79 के बीच थी। इन महिलाओं ने साल 1993 और 1998 के बीच अध्ययन में भाग लिया जो फरवरी 2017 तक चला।
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अध्ययन में शामिल होने से पहले सभी ने अपने शाकाहार और मांसाहार संबंधित जानकारियां दी।
अध्ययन अवधि के दौरान, कुल 25,976 मौतें हुईं जिनमे हृदय रोग से 6,993; कैंसर से 7,516 और भूलने की बीमारी (dementia) से 2,734 मौतें हुई।
विशेषज्ञ दल ने महिलाओं के खाने से जुड़े प्रोटीन की मात्रा और किस्मों पर ध्यान देते हुए उन्हें कम और ज्यादा प्रोटीन खाने वालों के समूह में बांटा तो देखा:
- बाजार के पैकेटबंद प्रोसेस्ड रेड मीट ज्यादा खाने वालों में डिमेंशिया से मरने का 20 प्रतिशत अधिक खतरा था।
- मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों की अधिक खपत क्रमशः 12 प्रतिशत, 24 प्रतिशत और हृदय रोग से मरने के 11 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़ी थी।
- ज्यादा अंडों से कैंसर होकर मरने का 10 प्रतिशत अधिक खतरा था।
- रेड मीट, अंडे या डेयरी उत्पादों की जगह नट्स को प्रोटीन के रूप में शामिल करने पर मौत का जोखिम 12 प्रतिशत से 47 प्रतिशत कम था।
हालाँकि, ज्यादा उम्र की महिलाओं पर हुए इस शोध के निष्कर्ष कम उम्र की महिलाओं या पुरुषों पर लागू नहीं होते।
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