उम्र बढ़ने पर एक बच्चा मोटा (obese) होगा या पतला ये गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान उसकी मां द्वारा लिए गए आहार पर निर्भर करता है, ऐसा एक अध्ययन से पता चला है।
आयरलैंड स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन के शोधकर्ताओं की खोज बताती है कि 6 से 12 साल के बच्चों में मोटापे (obesity) और ज्यादा चर्बी का कारण उनकी मां की गर्भावस्था के दौरान ली गई लो-क्वालिटी डाइट है।
यह मोटापा अक्सर जवानी तक रहता है जो टाइप 2 मधुमेह सहित कई बीमारियां होने के खतरे से जुड़ा है।
बचपन के मोटापे और शरीर की अतिरिक्त चर्बी पर मातृ आहार के प्रभावों की जांच करने के लिए लेखकों ने 16,295 मातृ-शिशु जोड़े से एकत्र किए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया।
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इसमें शामिल माताओं से गर्भावस्था के पहले और दौरान खाए गए भोजन की सूचना के आधार पर पता चला कि प्रेगनेंसी के दौरान जिन महिलाओं ने लो-क्वालिटी डाइट ली थी, उनके बच्चों में हाई-क्वालिटी डाइट लेने वाली महिलाओं के बच्चों के मुकाबले, उम्र बढ़ने पर मोटापे और शरीर पर अतिरिक्त चर्बी चढ़ने का खतरा अधिक था।
वैज्ञानिक मानते है कि इसका संबंध गर्भाधान से दो साल की उम्र तक बच्चों के जीन में आए परिवर्तन से हुआ।
अध्ययन में खराब मातृ आहार की वजह से आई शरीर पर अतिरिक्त चर्बी लड़कियों की तुलना में लड़कों पर ज्यादा थी।
निष्कर्ष बताते हैं कि प्रेगनेंसी में रिफाइंड अनाज, रेड मीट या अन्य बाजारी खाद्य पदार्थों की जगह फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन बचपन के मोटापे को रोक सकता है।
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