सुबह उठने पर अगर मूड खराब रहने लगे और दिन भर आप अनमना महसूस करते हो तो इसका संबंध आपकी नींद से हो सकता है।
अधूरी नींद ने केवल सुबह उठने पर मूड खराब करती है बल्कि लंबे समय तक इसके अनियमित रहने पर डिप्रेशन भी हो सकता है, ऐसा npj Digital Medicine पत्रिका में छपे एक लेख में कहा गया है।
किसी कारणवश देर रात तक जागने और सुबह जल्दी उठने से नींद पूरी नहीं हो पाती। इसका हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ये जानने के लिए मिशिगन विश्वविद्यालय के अकादमिक चिकित्सा केंद्र की टीम ने एक रिसर्च की।
इसमें उन्होंने एक साल तक 2,100 से ज्यादा इंटर्न चिकित्सकों की नींद और उनके मूड का अध्ययन किया।
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सभी प्रशिक्षुओं ने मेडिकल ट्रेनिंग में इस समय चल रहे दिनभर के लंबे, थकाने वाले और अनियमित काम से जुड़े शेड्यूल को झेला।
ये परिस्थितियां दिन-ब-दिन बदलती रहीं जिससे उनके सोने के समय और नींद की मात्रा में परिवर्तन होने लगा।
शोधकर्ताओं ने सभी को उनकी कलाई से बंधे यंत्र द्वारा जारी दैनिक मूड की रिपोर्ट एक स्मार्टफोन ऐप पर करने और डिप्रेशन के लक्षणों के लिए हर तीसरे महीने परीक्षण करने को कहा।
जिनके उपकरणों से पता चला कि उनकी नींद चैन वाली नहीं थी, उनके द्वारा अवसाद लक्षण की प्रश्नावली पर उच्च स्कोर करने और मूड से जुड़ी रेटिंग कम होने की अधिक संभावना थी।
दूसरी ओर, जो लोग काम के चलते नियमित रूप से देर तक रुके या सबसे कम घंटे की नींद ली, उन्होंने भी अवसाद के लक्षणों पर उच्च और दैनिक मूड पर कम स्कोर किया।
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खोज के नतीजों ने पहले से ही ज्ञात नींद के दैनिक मनोदशा और अवसाद के दीर्घकालिक जोखिम से जुड़े होने के संबंधों को और पुख्ता किया। ALSO READ | स्वस्थ रहने के लिए क्यों जरूरी है अच्छी नींद, जानिए