पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों से संभावित इबोला वायरस (Ebola virus) संक्रमण के मामलों की खबर मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अन्य अफ्रीकी देशों को भी सतर्क रहने को कहा है।
समाचार एजेंसियों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने वायरस को पिछले प्रकोप का ही रूप मानते हुए अधिक जानकारी के लिए डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और गिनी दोनों अफ्रीकी देशों से मिले इबोला (Ebola) के नमूनों की जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट का काम भी शुरू कर दिया है।
संगठन ने इबोला वायरस (Ebola virus) फैलने की स्थिति में पहले ही कोरोनोवायरस महामारी (coronavirus epidemic) से जूझ रहे है अफ़्रीकी देशों की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली के और ज्यादा प्रभावित होने की चिंता जाहिर की।
डब्ल्यूएचओ ने इस मामले में गिनी के पड़ोसी देशों सेनेगल, गिनी-बिसाऊ, माली, आइवरी कोस्ट, सिएरा लियोन और लाइबेरिया को भी सतर्क रहने को कहा है।
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आपको बता दें कि गिनी ने साल 2013-2016 के प्रकोप के बाद रविवार को ही फिर से वायरस का संक्रमण बढ़ना घोषित किया था। उधर कांगो में भी इससे जुड़े नए मामले मिलने शुरू हुए।
महामारी विशेषज्ञों के अनुसार, अगर ये डर सही हुआ तो इबोला वायरस (Ebola virus) गंभीर रक्तस्राव और अंगों की विफलता का कारण बन सकता है।
कोरोना की तरह यह वायरस भी एक इंसान के दूसरे से संपर्क में आने से फैलता है, लेकिन Covid-19 की तुलना में इसकी मृत्यु दर बहुत अधिक है।
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