पुरुषों की तुलना में महिलाएं दूसरों का मन पढ़ने में ज्यादा कुशल होती है, एक नए अध्ययन में ऐसा पाया गया है।
दरअसल दूसरों के साथ संपर्क बनाने के लिए उनकी सोच-समझ को जानना जरूरी है। लेकिन हर कोई इस जटिल प्रक्रिया को नहीं कर पाता।
इस अध्ययन से जुड़ें मनोवैज्ञानिक यह जानना चाहते थे कि क्यों कुछ लोग दूसरों के मन को पढ़ने में कुशल या अकुशल होते है तथा ऐसा न कर सकने वालों के जीवन पर क्या असर पड़ता है।
विशेष रूप से ऑटिस्टिक (autistic) लोगों के लिए संबंधों का निर्माण या बनाए रखना सामाजिक संघर्ष को जन्म दे सकता है।
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ऑटिस्टिक मनुष्य एक मानसिक बीमारी ऑटिज़म (autism) से प्रभावित होते है जिससे ग्रस्त होने पर अन्यों से विचारों का आदान-प्रदान करने में कठिनाई होती है।
इसलिए कार्डिफ़, बाथ और लंदन विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों ने यूके और यूएस के 4,000 से अधिक ऑटिस्टिक और गैर-ऑटिस्टिक लोगों के डेटा का उपयोग करके एक माइंड-रीडिंग टेस्ट तैयार किया।
इसके लिए एक सरल, चार-चरणीय प्रश्नावली तैयार की गई। इसके अंक चार से 16 तक रखे गए। चार अंक वालों में खराब दिमाग पढ़ने की क्षमता और 16 वालों में उच्चतम स्तर माना गया।
इस प्रश्नावली को कुल 2,900 लोगों ने 12 और 13 अंकों के बीच पूरा किया।
लेकिन महिलाओं ने (12.6 अंक) लेकर लगातार पुरुषों (12.1 अंक) की तुलना में बेहतर स्कोर किया।
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अध्ययन में ऑटिस्टिक समुदाय द्वारा सामना की गई कुछ सामाजिक चुनौतियों की पुष्टि भी हुई।
शोधकर्ताओं ने इस विधि को उन लोगों की पहचान के लिए उपयुक्त बताया जिन्हें दूसरों का मन पढ़ने में कठिनाई होती थी और उन्हें उचित अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती थी।
साइकोलॉजिकल असेसमेंट पत्रिका में सिर्फ चार प्रश्नों का उपयोग करके व्यक्तियों का आकलन करने वाली विधि और शोध निष्कर्ष प्रकाशित किए गए है।
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