वैसे तो नियमित रूप से व्यायाम करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्यायाम करने से शरीर में होने वाली सूजन भी दूर हो सकती है।
ड्यूक यूनिवर्सिटी में हुए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, व्यायाम करने पर मानव मांसपेशियों में पुरानी सूजन के हानिकारक प्रभावों को दूर करने की एक जन्मजात क्षमता होती है।
यह अनुसंधान प्रयोगशाला में बनाई गई मानव मांसपेशियों से संभव हो पाया जहां मांसपेशियों की कोशिकाएं अपने आप ही सूजन से होने वाले दुष्प्रभावों पर कार्रवाई करने में सक्षम थीं।
क्यों होती है सूजन
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जब शरीर घायल होता है, तो एक प्रारंभिक निम्न-स्तर की सूजन प्रतिक्रिया टिश्यू के पुनर्निर्माण में मदद करती है।
शरीर के अंगों में सूजन आना तब हो सकता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली किसी संक्रमण को रोकने की कोशिश कर रही होती है, लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिलती, जैसे कोरोनावायरस।
ऐसी बीमारियां भी होती है जो पुरानी सूजन को जन्म देती हैं, जैसे कि आर्थराइटिस और सार्कोपेनिया (Sarcopenia), जिसमे मांसपेशियां कमजोर होकर बेकार हो जाती है।
मांसपेशियों पर इस्तेमाल की सूजन प्रक्रिया
वर्तमान अध्ययन में शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला-विकसित मांसपेशियों पर पुरानी सूजन के प्रभावों की नकल करने के लिए उन्हें सात दिनों के लिए इंटरफेरॉन-गामा के उच्च स्तर से भर दिया।
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जैसा कि उम्मीद की गई थी, मांसपेशी छोटी हो गई और अपनी ताकत खो बैठी।
शोधकर्ताओं ने कुछ समय बाद इंटरफेरॉन-गामा को प्रयोगशाला-विकसित मांसपेशियों पर फिर से लागू किया, लेकिन इस बार उन्होंने पहले इन मांसपेशियों को इलेक्ट्रोड्स से एक्सरसाइज करवाई।
वे यह जानकर हैरान थे कि मांसपेशियों ने इस बार पुरानी सूजन के प्रभाव को लगभग पूरी तरह से रोक दिया था।
मजबूत मांसपेशियां रोकती है जलन, सूजन को
उनके अनुसार, जब हम व्यायाम करते है, तो मांसपेशियों की कोशिकाएं इसी तरह सीधे इंटरफेरॉन-गामा द्वारा प्रेरित जलन के संकेत का विरोध करती है।
अगर हमारी मांसपेशियां मजबूत और एक्टिव हो तो ये इंटरफेरान गामा को ब्लॉक कर सकती है। इसलिए एक्सरसाइज करके मसल्स को एक्टिव और स्ट्रॉन्ग रखना बीमारियों से लड़ने के लिए बहुत जरूरी है।
ऐसा करने से हडि्डयों को भी सुरक्षा मिलती है।