खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होकर Covid-19 टीकों की प्रतिक्रिया को धीमा कर सकती है।
एक अध्ययन के अनुसार, विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि स्वस्थ लोगों की तुलना में कमजोर लोगों में टीकाकरण के प्रभाव धीमे हो सकते है।
पर्सपेक्टिव इन साइकोलॉजिकल साइंस पत्रिका में प्रकाशित यह अध्ययन बताता है कि अवसाद, तनाव, अकेलापन, नींद की कमी और खराब स्वास्थ्य शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर नए Covid-19 टीकों की प्रभावशीलता को कम कर सकते है।
अध्ययन के विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी को अन्य बीमारियों के लक्षणों को बढ़ाने वाला मानते हुए इसे प्रतिरक्षा प्रणाली को आहत करने में सक्षम माना है।
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इससे संक्रमण को दूर करने की लोगों की क्षमता क्षीण हो जाती है।
विशेषज्ञ और भी कई कारक बताते है जो नए कोरोना टीकों की प्रभावशीलता को कम कर सकते है।
मोटापा भी इन टीकों के प्रभाव को सुस्त करता है
नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, डायबिटीज और दिल की बीमारी बढ़ाने में सक्षम मोटापा भी इन टीकों के प्रभाव को सुस्त करता है और टीके उतनी सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते जितनी विशेषज्ञ उम्मीद लगाए हुए है।
इसके साथ ही गंभीर लिवर की बीमारियों, कैंसर और किडनी के रोगी भी इसी श्रेणी में आते है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, स्मोकिंग और शराब पीने वालों पर भी इनका प्रभाव कम करके आँका जा रहा है।