स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बूढ़ी महिलाओं को भी उतना ही फायदा होता है जितना कि उम्रदराज पुरुषों को।
सिडनी की न्यू साउथ वेल्स युनिवर्सिटी (UNSW) की एक रिसर्च में सामने आया है कि 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष और महिलाएं प्रतिरोध प्रशिक्षण (resistance training) से समान लाभ उठा सकते है।
स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित निष्कर्षों ने 1400 प्रतिभागियों द्वारा की गई 30 विभिन्न रेजिस्टेंस ट्रेनिंग अध्ययनों के परिणामों को इकठ्ठा किया। इसमें विशेष रूप से 50 और उससे अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं के परिणामों की तुलना की गई थी।
अक्सर ऐसा माना जाता है कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में प्रतिरोध प्रशिक्षण से ज्यादा फायदा होता है।
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यह पहला ऐसा मेटा-एनालिसिस है यह जांचने के लिए कि वृद्ध पुरुष और महिलाएं रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से अलग-अलग परिणाम प्राप्त करते हैं या नहीं।
ताकत में पूर्ण सुधार देखने को मिला
शोधकर्ताओं ने 30 अध्ययनों में 651 वृद्ध पुरुषों और 759 वृद्ध महिलाओं में मसल मास और ताकत की तुलना की। भाग लेने वाले 50 और 90 की आयु के थे, जिनमे अधिकांश को पहले जिम जाने और ट्रेनिंग का कोई अनुभव नहीं था।
शोधकर्ताओं ने पाया कि व्यस्क लोगों के ऊपरी और निचले शरीर की ताकत में पूर्ण सुधार देखने को मिला। लोअर बॉडी स्ट्रेंथ में बड़ी उम्र की महिलाओं में अपने शरीर की ताकत के अनुसार सबसे अधिक वृद्धि देखी गई।
अध्ययन से पता चला कि वृद्ध पुरुषों और महिलाओं को अपने प्रशिक्षण लाभों को अधिकतम करने के लिए अलग-अलग प्रोग्रामिंग करनी चाहिए।
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बड़ी उम्र के लोगों को अपने ऊपरी और निचले शरीर की ताकत में सुधार करने के लिए हायर इंटेंसिटी ट्रेनिंग प्रोग्राम से लाभ हो सकता है। लेकिन अधिक उम्र की महिलाओं को हायर एक्सरसाइज वॉल्यूम से लाभ हो सकता है – अर्थात अधिक साप्ताहिक पुनरावृत्ति।
लंबे समय तक की ट्रेनिंग भी मांसपेशियों के आकार (बड़े पुरुषों के लिए) या ऊपरी शरीर की ताकत (बड़ी महिलाओं के लिए) को बढ़ाने में मदद कर सकती है। लेकिन एक्सरसाइज में परिवर्तन सुरक्षित रूप से और पेशेवर परामर्श के साथ किया जाना चाहिए।
शोधकर्ता कहते है कि फिटनेस ट्रेनर के लिए भी यह समझना जरूरी है कि मसल साइज और ताकत के मामले में महिलाओं को भी पुरुषों की तरह वेट ट्रेनिंग करने से लाभ होता है।
भविष्य के स्वास्थ्य को मजबूत बनाना
ताकत और बड़ी मांसपेशियाँ ही रेजिस्टेंस ट्रेनिंग का एकमात्र लाभ नहीं है।
इस तरह की ट्रेनिंग से स्टैमिना, संतुलन, लचीलापन और बोन डेंसिटी को बढ़ाया जा सकता है।
इससे नींद में सुधार, अच्छा महसूस करना और बूढ़े लोगों के लिए चोट के जोखिम को कम करने में मदद भी शामिल है।
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