वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जो मानव पसीने से फिटनेस वियरेबल्स को चलाएगी।
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक अनोखी फिल्म (प्लास्टिक की एक पतली लचीली पट्टी) बनाई है, जो वर्कआउट करते समय पसीने को सुखाने में प्रभावी है।
यही नहीं, इस अनोखी पतली और लचीली पट्टी द्वारा सोखी गई नमी का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे घड़ियाँ, फिटनेस ट्रैकर इत्यादि को भी चलाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, शरीर में उत्पन्न थर्मल स्ट्रेस को कम करने के लिए पसीना आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
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“हमारी यह फिल्म त्वचा से पसीने को उड़ाने और फिर पसीने की नमी को सोखने में बेहद प्रभावी है। साथ ही, पसीने से आई नमी को ऊर्जा में परिवर्तित करके इसका उपयोग बिजली के रूप में छोटे पहनने योग्य उपकरण को चलाने में किया जा सकता है,” अस्सिटेंट प्रोफेसर टैन स्वी चिंग ने बताया।
यह पतली फिल्म कोबाल्ट क्लोराइड और इथेनॉलमाइन जैसे दो मुख्य आर्द्रताग्रही रसायनों से बनी है।
बेहद नमी-शोषक होने के अलावा, यह फिल्म सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर तेजी से पानी छोड़ सकती है।
इसे 100 से अधिक बार पुन: उपयोग किया जा सकता है।
अवशोषित पसीने का पूरा उपयोग करने के लिए, NUS टीम ने एक इलेक्ट्रोलाइट के रूप में इस फिल्म का उपयोग करते हुए आठ इलेक्ट्रोकेमिकल सेल्स (electrochemical cells – ECs) वाला एक पहनने योग्य एनर्जी हार्वेस्टिंग उपकरण तैयार किया है।
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प्रत्येक EC नमी को अवशोषित करने पर लगभग 0.57 वोल्ट बिजली पैदा कर सकता है जो एक प्रकाश उत्सर्जक डायोड को बिजली देने के लिए पर्याप्त है।
वैज्ञानिक पत्रिका नैनो एनर्जी में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि यह कांसेप्ट बिना बैटरी के सिर्फ मानव पसीने से वियरेबल्स को संचालित करने की क्षमता दिखता है।
टीम को उम्मीद है कि जल्द ही उपभोक्ता उत्पादों में इस अविष्कार के इस्तेमाल के लिए कंपनियों के साथ बात की जा सकती है।