कोरोना संक्रमण और जानवरों के संबंध से जुडी पिछली कई आशंकाओं और अध्ययन पर पूर्ण विराम लगते हुए यह कहा गया है कि इंसानों में उनके पालतू जानवरों से इस वायरस के फैलने का कोई सबूत नहीं है।
एनिमल्स पत्रिका में हाल ही में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, पशु-से-मानव में वायरस के ट्रांसमिशन के पहले ज्ञात प्रकाशित मामले कोई ठोस आधार लिए हुए नहीं है।
ऐसा माना जाता रहा है कि COVID-19 महामारी फैलाने के लिए जंगली जानवर दोषी थे जिन्होंने अलग-अलग महाद्वीपों और मानव आबादी के बीच इस वायरस को फैलाया।
इसी संदेह की कड़ी में इंसानों के घरों में रहने वाले पालतू जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली, नेवले इत्यादि को भी शामिल किया गया जिनके सम्पर्क में लोग रहते है।
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प्रकाशित लेख में, सर्ब्रो हेल्थ रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (SHRO) के निदेशक और संस्थापक, प्रोफेसर एंटोनियो जियोर्डानो, जो इटली के सिएना विश्वविद्यालय में पैथोलॉजी के प्रोफेसर भी है, ने इस बारे में बताया कि जानवरों द्वारा SARS-CoV-2 (कोरोनावायरस) को मनुष्यों में फैलाने की धारणा महामारी विज्ञान के अनुसार ही देखी गयी थी।
पशु चिकित्सकों और प्रायोगिक अध्ययनों द्वारा बताए गए पालतू जानवरों में SARS-CoV-2 संक्रमण के बहुत कम मामले देखने पर, पालतू जानवरों द्वारा SARS-CoV-2 संक्रमण फैलाने का संदेह पूर्णतया उनके संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आने पर ही निर्भर करता है।
शोधकर्ताओं कहते है कि वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मनुष्य में SARS-CoV-2 के प्रसार में पालतू जानवर एक जोखिम कारक की भूमिका निभाते है। इसलिए प्राप्त डाटा को देखते हुए वायरस के प्रसार में उनकी भूमिका को बाहर रखना चाहिए।
“हालांकि, पशु चिकित्सकों और स्वास्थ्य से जुड़े उच्च संस्थानों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना ज़रूरी है ताकि सही सिफारिशें की जा सकें और कोरोनावायरस रोकने के उपायों को वन-हेल्थ दृष्टिकोण का उपयोग करके लागू किया जा सके,” लेख में कहा गया।
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