दिल्ली में बुधवार को वायु प्रदूषण (air pollution) स्तर के गंभीर श्रेणी (severe category) में आते ही पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) ने राजधानी के नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की।
नागरिक ऐसा न करें
मंत्रालय के अधीन सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने राष्ट्रीय राजधानी के नागरिकों को निम्न स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों को अमल में लाने को कहा है:
- यदि आप असामान्य खांसी, सीने में तकलीफ, घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई या थकान का अनुभव करते है तो बाहर की शारीरिक गतिविधि से बचें और डॉक्टर से परामर्श करें।
- यदि कमरे में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद कर दें। यदि आपके पास एयर कंडीशनर ताजा हवा देने का विकल्प है, तो इसे भी बंद करें।
- लकड़ी, मोमबत्तियाँ या धूप जैसा कुछ भी जलाने से बचें।
- वैक्यूम न चलाए बल्कि गीली मोपिंग करें।
- अगर बाहर जा रहे है तो केवल N-95 या P-100 मास्क ही लगा सकते हैं।
- सुरक्षा के लिए धूल के मास्क पर भरोसा न करें।
वायु गुणवत्ता सूचकांक आया गंभीर श्रेणी में
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गौरतलब है कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (air quality index) बुधवार दोपहर के समय ही गंभीर श्रेणी में आ गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के 36 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से 29 में गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक रीडिंग (436 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) दिखाई दिया।
इनमें राजधानी के जहांगीरपुरी, पटपड़गंज और आनंद विहार इलाकों में सबसे अधिक जहरीली हवा होती है, जो इमरजेंसी लेवल की ओर बढ़ रही है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 24 दिसंबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में रहने का अनुमान है जो 25 दिसंबर को थोड़ी-बहुत साँस लेने की स्थिति में सुधार के बाद खराब श्रेणी की ओर लौटेगा।
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी के अनुसार, बढ़ी हुई ह्यूमिडिटी, ठंडा तापमान और शांत सतह-स्तर की हवाएं तब तक संचित प्रदूषकों के फैलाव को रोकती रहेंगी।
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गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की आबोहवा खराब
इस बीच, दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई। इसमें से गुरुग्राम को अलग कर दिया गया, जो 333 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर थोड़ा बेहतर था।
इनमे भी गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा 482 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच सबसे अधिक प्रदूषित रहे।
देश भर की बात करें तो 11 शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है जिसमे उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद चार्ट में शीर्ष पर हैं, इसके बाद नोएडा और बुलंदशहर आते है।
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