मांसपेशियों और ताकत में कमी वैसे तो जवानी में ही शुरू हो सकती है लेकिन प्रतिरोध प्रशिक्षण (resistance training) के साथ पर्याप्त प्रोटीन आहार लेने से बुजुर्गों की भी मांसपेशियों और जीवन में वृद्धि की जा सकती है, ऐसा एक अध्ययन में सामने आया है।इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में, ऑबर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक क्लीनिकल परीक्षण के दौरान पाया कि रेजिस्टेंस ट्रेनिंग के साथ मूंगफली प्रोटीन के सेवन ने बुजुर्गों में मांसपेशियों के आकर और ताकत के मापदंडों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
इस अध्ययन से अनुसंधानकर्ता यह भी देखना चाहते थे कि क्या मूंगफली से मिलने वाला प्रोटीन पशु-आधारित या सोया प्रोटीन-आधारित सप्लीमेंटस की ही तरह प्रतिरोध प्रशिक्षण (resistance training) के प्रभाव को बढ़ा सकता हैं या नहीं?
व्यायाम और प्रोटीन ने बढ़ाया मांसपेशियों को
शोध के लिए उनतालीस अप्रशिक्षित बुजुर्ग व्यक्तियों ने 6 से 10 सप्ताह के रेजिस्टेंस ट्रेनिंग कार्यक्रम को पूरा किया, जहां सप्ताह में दो बार फुल-बॉडी ट्रेनिंग आयोजित की गई।
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अनुसंधानकर्ताओं ने प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा। एक ग्रुप ने प्रतिरोध प्रशिक्षण के तुरंत बाद 30 ग्राम मूंगफली प्रोटीन वाले पाउडर सप्लीमेंट का उपभोग किया और दूसरे ग्रुप ने एक्सरसाइज तो की लेकिन कोई सप्लीमेंट नहीं लिया।
हफ्तों बाद दोनों समूहों के संयुक्त आंकड़ों को देखने से पता चला कि पर्याप्त प्रोटीन लेने वाले प्रतिभागियों की मांसपेशियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
ऑबर्न विश्वविद्यालय के डॉ रॉबर्ट्स कहते है, “इस अध्ययन से पता चलता है कि प्रतिरोध प्रशिक्षण के साथ मूंगफली प्रोटीन पाउडर सप्लीमेंट लेना वृद्धों में उम्र से संबंधित मांसपेशियों के नुकसान को धीमा या रोक सकने वाला एक पौधा-आधारित प्रभावी प्रोटीन समाधान हो सकता है। हमारे पास प्रोटीन की जरूरतों का सुझाव देने के लिए मजबूत सबूत हैं, विशेष रूप से अधिक आवश्यक अमीनो एसिड का सेवन जो कई कारकों के चलते उम्र के साथ बढ़ता है।”
अंत में शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि “… 6 से 10 सप्ताह की रेजिस्टेंस ट्रेनिंग के साथ मूंगफली प्रोटीन पाउडर सप्लीमेंट लेने से, अकेले प्रतिरोध प्रशिक्षण कार्यक्रम की तुलना में, बुजुर्गों की मांसपेशियों के आकार और ताकत के कुछ पहलुओं को बढ़ाया जा सकता है।”