एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) छोटे बच्चों को बैक्टीरिया संक्रमण (Infections) से बचाने के लिए दी जाती है।
लेकिन ये दवाएँ बच्चों के पाचन तंत्र से जुड़े माइक्रोबायोम (Digestive microbiome) को बिगाड़ सकती हैं।
एंटीबायोटिक से पाचन तंत्र के माइक्रोबायोम में हुई खराबी बढ़ते बच्चों में कई हानिकारक रोग पैदा कर सकती है।
इस बारे में यूएस वैज्ञानिकों ने यूनाइटेड किंगडम के 1 मिलियन से अधिक शिशुओं पर एंटीबायोटिक असर की जांच की है।
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उन्होंने एंटीबायोटिक से 12 वर्ष की आयु तक बच्चों में गंभीर बाल स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना बताई है।
दो वर्ष से पहले लगातार एंटीबायोटिक प्राप्त बच्चे को जवानी में अस्थमा, फ़ूड एलर्जी और हे फीवर का ज्यादा खतरा था।
हालांकि, बचपन की एंटीबायोटिक से अधिकांश ऑटोइम्यून, न्यूरोडेवलपमेंटल और मनोरोग समस्याएं होने का खतरा बेहद कम था।
ये नतीजे उन भाई-बहनों पर भी मान्य थे, जिन पर एंटीबायोटिक देने से अलग-अलग प्रभाव हुए थे।
स्टडी ने डॉक्टरों को दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एंटीबायोटिक्स देते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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ये माना गया कि एंटीबायोटिक के लगातार इस्तेमाल से बच्चे को आगे जीवन में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
वैज्ञानिकों ने कहा कि एंटीबायोटिक्स महत्वपूर्ण हैं, लेकिन छोटे बच्चों के सभी संक्रमणों का इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं होना चाहिए।
माता-पिता को भी अपने बच्चों की देखभाल के अन्य सर्वोत्तम तरीकों के बारे में डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए।
अधिक जानकारी द जर्नल ऑफ़ इन्फेक्शियस डिजीज़ में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।
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