Plant-based protein: इंसानों की आयु बढ़ाने में पौधों से मिलने वाला प्रोटीन असरदार है, ऐसा एक स्टडी का कहना है।
सिडनी यूनिवर्सिटी की स्टडी में 101 देशों के विभिन्न आहार और आबादी का विश्लेषण किया गया था।
स्टडी टीम ने छोले, टोफू और मटर के प्रोटीन का अधिक सेवन और वयस्कों की लंबी उम्र के बीच महत्वपूर्ण संबंध पाया।
नतीजों की मानें तो दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन ज़रूर करना चाहिए।
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पौधों आधारित प्रोटीन की कम खपत वाले देशों के वयस्कों की उम्र अधिक वालों की अपेक्षा घटी हुई थी।
उदहारण के तौर पर भारत जैसे शाकाहारी देशों में यूएस जैसे मांसाहारी देशों की अपेक्षा जीवित रहने की दर अधिक थी।
स्टडी में प्रारंभिक जीवन में जीवित रहने की दर पशु-आधारित प्रोटीन और फैट के अधिक सेवन से बेहतर मिली।
जबकि बढ़ती उम्र में जीवित रहने की दर पौधों-आधारित प्रोटीन में वृद्धि और कम फैट खाने से अधिक जानी गई।
पौधे-आधारित प्रोटीन आवश्यक अमीनो एसिड, फाइबर, विटामिन और खनिजों सहित कई पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
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ये पोषक तत्व बेहतर स्वास्थ्य समेत गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
टीम ने कहा कि पौधे-आधारित प्रोटीन के सेवन में वृद्धि से उम्र और आहार की गुणवत्ता बढ़ा सकते है।
पौधे-आधारित प्रोटीन की अधिक खपत से मनुष्य और धरती दोनों के ही स्वास्थ्य में सुधार संभव है।
अधिक जानकारी नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।
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