हमारे मुंह में मौजूद बैक्टीरिया का आहार से सीधा संबंध है, ऐसा एक नई स्टडी का दावा है।
यूएस की बफ़ेलो यूनिवर्सिटी स्टडी ने पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं की जांच-पड़ताल से रोचक जानकारी दी है।
स्टडी ने स्वस्थ आहार खाने वाली महिलाओं में मसूड़ों की बीमारी और हार्ट इंफेक्शन बढ़ाने वाले बैक्टीरिया की मात्रा कम बताई है।
जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी रिसर्चर्स ने 1,175 पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं की कुल आहार गुणवत्ता को मापा था।
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उन्होंने भोजन में शामिल कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों से मौखिक माइक्रोबायोम (Oral microbiome) की विविधता और निर्माण पर अधिक प्रभाव पाया।
सब्जियों और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से विविध मौखिक माइक्रोबायोम की भरमार थी।
जबकि डेयरी प्रोडक्ट्स और ज्यादा चीनी का सेवन कम विविध मौखिक माइक्रोबायोम से जुड़ा था।
खराब खान-पान से हुई मसूड़ों की बीमारी के कारण कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर रोगों का खतरा भी था।
पहले भी कुछ विशिष्ट पोषक तत्वों और आहार से मसूड़ों की बीमारी होने का खतरा पाया गया था।
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नतीजों की मानें तो चीनी, सब्जियां, सीफ़ूड और पौधे के प्रोटीन का सेवन मौखिक माइक्रोबायोम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
सी फ़ूड, शाकाहारी प्रोटीन और कुल प्रोटीन की अधिकता तथा चीनी का कम सेवन विविध मौखिक माइक्रोबायोम के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ था।
स्टडी ने पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं को हार्मोनल परिवर्तन और बढ़ती उम्र के कारण भी मसूड़ों की बीमारी और दांतों के गिरने का खतरा अधिक बताया है।
इस बारे में विस्तार से जानने के लिए जर्नल ऑफ़ न्यूट्रिशन में छपा लेख पढ़ सकते है।
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