दिल को स्वस्थ रखने में सोने के समय की अपेक्षा भोजन का समय ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है।
यह कहना है यूके और यूएस के स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा की गई एक संयुक्त स्टडी का।
स्टडी में रात की शिफ्ट (Night shift) में काम करने से दिल-संबंधी बीमारियों का खतरा बताया गया है।
हालांकि, इस खतरे में रात की बजाए केवल शाम के समय भोजन करने से कमी हो सकती है।
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पिछली स्टडीज ने भी रात की शिफ्ट में काम करना गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा कहा था।
ऐसा सर्कैडियन मिसअलाइनमेंट यानी आंतरिक बॉडी क्लॉक के खिलाफ काम करने से संभव बताया गया।
शरीर की आंतरिक घड़ी (सर्कैडियन लय) और बाहरी दुनिया के समय के बीच तालमेल न होने से कई शारीरिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी हो सकती है।
जानवरो पर हुए परीक्षण बताते है कि भोजन के समय को शरीर की आंतरिक घड़ी संग मिलाने से सोने के समय भी जागते रहने से स्वास्थ्य समस्याओं में कमी हो सकती है।
उपरोक्त धारणा इंसानों पर लागू होती है या नहीं, यह जानने के लिए टीम ने 20 स्वस्थ युवाओं का चयन किया था।
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दो सप्ताह तक उन युवाओं को एक प्रयोगशाला में रखते हुए ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर दिया जाता रहा।
उन्होंने रात या दिन की नकली शिफ्ट में भाग लिया। इस दौरान, उन्हें डिनर या ब्रेकफास्ट दिया गया।
महत्वपूर्ण बात यह थी कि दिन या रात में काम करने वालों के सोने की अवधि एक समान रखी गई।
टीम ने दिल संबंधी बीमारियों का खतरा पैदा करने वाले कारणों में रात की शिफ्ट से बढ़ोतरी पाई।
लेकिन केवल दिन के समय खाना खाने वाले युवाओं के जोखिम कारकों में वृद्धि नहीं हुई।
नतीजों में, नाइट शिफ्ट वालों, नींद विकारों से पीड़ित और विभिन्न टाइम जोन में यात्रा करने वालों को डिनर से बचने या कम खाने की सलाह थी।
आगे गहन छानबीन के बावजूद, सही समय पर भोजन करने से स्वास्थ्य में सुधार संभव माना गया।
यह स्टडी नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
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