अकेलापन (Loneliness) स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इसकी हाई बीपी या कोलेस्ट्रॉल की तरह ही जांच होनी चाहिए।
यह कहना है ऑस्ट्रेलिया के हेल्थ रिसर्चर्स का, जिनकी नई स्टडी ने अकेलेपन से महिलाओं (Women) की असमय मौत बताई है।
नतीजों को देखते हुए टीम ने अकेलेपन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता कही है।
स्टडी में 45 वर्ष और अधिक उम्र की 57,000 से ज्यादा महिलाओं के स्वास्थ्य का विश्लेषण किय गया था।
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पाया गया कि 15 साल तक लगातार अकेलापन महसूस करने वाली महिलाओं की समय से पहले मृत्यु की संभावना, अकेलेपन की सूचना नहीं देने वाली महिलाओं के मुकाबले तीन गुना अधिक थी।
लगातार अकेलेपन से बचने वाली महिलाओं में मृत्यु का जोखिम 5 प्रतिशत, जबकि अकेलेपन की निरंतर भावनाओं वालियों में यह जोखिम 15 प्रतिशत तक बढ़ गया था।
टीम के अनुसार, सालों तक अकेलापन महसूस करने से इंसान का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
अकेलेपन को हृदय रोग, डायबिटीज, डिप्रेशन और डिमेंशिया जैसी समस्याओं के विकास से जोड़ा जाता रहा है।
स्टडी में पाया गया कि अधिक वर्षों तक अकेलापन झेलने वाली महिलाओं में असमय मौत का खतरा भी अधिक था।
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ऐसा माना गया कि बढ़ती उम्र में अकेलेपन से पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की सेहत पर अधिक दुष्प्रभाव पड़ सकते है।
ज्यादा जानकारी BMJ Medicine में छपी स्टडी से मिल सकती है।
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