यूएसए स्टडी ने गंभीर मोटापे (Severe Obesity) को 16 स्वास्थ्य समस्याओं के मामलों में वृद्धि से जुड़ा पाया है।
उनमें खासकर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबॉलिक डिसफंक्शन से जुड़े लिवर रोग में अधिक उछाल था।
बता दें कि मोटापा एक तेजी से बढ़ता रोग है, जिससे कई अंगों पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
40 या उससे अधिक का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) गंभीर मोटापे की श्रेणी में आता है।
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विशेषज्ञों ने यूएस की एक विशाल में शामिल 270,657 लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड और बीएमआई का विश्लेषण किया था।
मोटापा पीड़ित 42.4% लोगों में से 21.2% को क्लास I, 11.3% को क्लास II और 9.8% को क्लास III टाइप मोटापा था।
मोटापा की समस्या में वृद्धि से कई शारीरिक दिक्कतों के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई थी।
जिन 16 स्वास्थ्य समस्याओं को मोटापे से जुड़ा पाया गया, उनमें हाई बीपी, टाइप 2 डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट फेलियर, किडनी रोग, गाउट, लिवर रोग, स्लीप एपनिया, अस्थमा, ऑस्टियोआर्थराइटिस आदि प्रमुख थे।
जांच में सामान्य वजन (BMI) वालों की अपेक्षा गंभीर मोटापे वालों में 16 समस्याएं और संबंधित मामले अधिक थे।
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गंभीर मोटापा से पुरुषों और महिलाओं में 51.5% को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, 36.3% लिवर रोग और 14% को ऑस्टियोआर्थराइटिस था।
बढ़ते मोटापे से टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट फेलियर जैसी कई समस्याओं के बीच गहरा संबंध भी जाना गया।
हालाँकि, विशेषज्ञों ने प्रभावी तरीकों से मोटापा घटाकर उपरोक्त दिक्कतों में से अधिकतर की रोकथाम संभव कही।
यह स्टडी क्लिनिकल रिसर्च जर्नल NEJM Evidence में प्रकाशित हुई थी।