आजकल बच्चों और युवाओं में स्मार्टफोन (Smartphone) का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है।
नेत्र रोग विशेषज्ञों ने तेजी से बढ़ते इस चलन को सेहत के लिए हानिकारक कहा है।
इस बारे में हुई एक नई स्टडी ने रोजाना टैबलेट या स्मार्टफोन के मात्र एक घंटा इस्तेमाल से निकट दृष्टि दोष (Myopia) में तेजी कही है।
Myopia में आंख की पुतली का आकार बढ़ जाता है, जिससे दूर की चीज़ें धुंधली और अस्पष्ट दिखाई देती है।
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तीन लाख से अधिक इंसानों की जाँच में, डिजिटल स्क्रीन समय में रोजाना एक घंटे की वृद्धि Myopia की 21% अधिक संभावना से जुड़ी थी।
हालांकि, जोखिम में रोजाना एक घंटे से कम को सुरक्षित, लेकिन एक से चार घंटे उपयोग से भारी वृद्धि समझी गई।
गौरतलब है कि डिजिटल स्क्रीन के बढ़ते उपयोग के कारण Myopia के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है।
वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन पहुंच, वर्ष 2014 के 21.6% से बढ़कर 2023 में 69% तक हो गई थी।
ऐसे में साल 2050 तक विश्व की लगभग आधी आबादी के इस रोग से ग्रस्त होने की पुरजोर संभावना है।
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जांच में बच्चों से लेकर युवाओं तक में स्क्रीन समय और Myopia रोग के बीच संबंध देखा गया था।
विशेषज्ञों ने डिजिटल स्क्रीन पर एक से चार घंटे लगे रहने वालों में खतरा काफी बढ़ता पाया।
हालांकि, एक घंटे से कम समय तक देखने वालों में उपरोक्त रोग का कोई संबंध नहीं जाना गया।
नए निष्कर्ष डॉक्टरों और अन्य लोगों को मायोपिया के खतरे के बारे में आगाह कर सकते हैं।
कोरियाई नेत्र रोग विशेषज्ञों की यह स्टडी JAMA नेटवर्क ओपन में प्रकाशित हुई थी।
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