दुनिया भर में क्रोनिक किडनी रोग (Chronic Kidney Disease) के मामले बढ़ रहे है।
इस रोग में किडनी यानी गुर्दे क्षतिग्रस्त हो जाते है, जिससे वे कुशलतापूर्वक खून साफ़ नहीं कर पाते है।
किडनी रोग होने के मुख्य कारणों में डायबिटीज, हाई बीपी, दिल के रोग आदि शामिल है।
एक्सरसाइज से कई किडनी रोगों में कमी मिली है, लेकिन किडनी कार्यों पर इसका प्रभाव कम ही समझा गया है।
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अब यूएसए और नॉर्वे के हेल्थ रिसर्चर्स ने बुजुर्गों की किडनी स्वास्थ्य पर एक्सरसाइज के प्रभावों का पता लगाया है।
72 वर्षीय 1000 से अधिक बुजुर्गों पर हुई उनकी साझा स्टडी ने, ईजीएफआर (eGFR) पर एक्सरसाइज का आकलन किया।
Estimated glomerular filtration rate (eGFR) जांच से किडनी की बीमारी और स्टेज का पता चल सकता है।
eGFR खून से विषाक्त या बेकार पदार्थों को फ़िल्टर करने की किडनी क्षमता को मापता है।
क्षमता में कमी किडनी फेलियर की सूचक है। बचाव के लिए डायलिसिस या किडनी बदलने की आवश्यकता होती है।
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रिसर्चर्स ने हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) से बुजुर्गों की eGFR क्षमता में गिरावट का कम खतरा पाया।
ऐसी एक्सरसाइज में कम समय के वर्कआउट से ही दिल तेजी से धड़कने लगता है।
पांच साल तक हफ्ते में दो बार 90% तक धड़कनें तेज करने वाली 4 मिनट की HIIT अधिक प्रभावी प्रतीत हुई।
समय के साथ 20 मिनट प्रति सप्ताह से कम एक्सरसाइज करने वालों की eGFR क्षमता में गिरावट आई।
जबकि 20 मिनट प्रति सप्ताह से ज्यादा की HIIT करने वाले बुजुर्गों में किडनी फंक्शन घटने का खतरा कम था।
स्टडी को जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया था।