Orange health benefits: एक अमेरिकी स्टडी ने रोजाना एक संतरा खाने से डिप्रेशन (Depression) के खतरे में 20% तक कमी कही है।
स्टडी में पाया गया कि संतरे के साइट्रस फ्लेवोनोइड्स (Citrus Flavonoids) मानव आंत के एक विशेष बैक्टीरिया में वृद्धि करते है।
फेकेलिबैक्टीरियम प्रौसनिट्ज़ी (Faecalibacterium prausnitzii -F. prausnitzii) नामक ये बैक्टीरिया मूड बेहतर बनाने वाले दो न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को प्रभावित करते है।
जांच में देखा गया कि F. prausnitzii बैक्टीरिया की मात्रा डिप्रेशन वालों के मुकाबले स्वस्थ लोगों में अधिक थी।
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नई स्टडी में 32,427 से अधिक महिलाओं के खान-पान, दवाओं और स्वास्थ्य से जुड़े डाटा को जांचा गया था।
विशेषज्ञों की टीम ने खट्टे फल कम खाने की तुलना में अधिक खाने वाली महिलाओं की भविष्य में डिप्रेशन दर कम जानी।
उन्होंने रोजाना एक मध्यम आकार का संतरा खाने से डिप्रेशन होने का खतरा लगभग 20% कम पाया।
लेकिन ऐसा सकारात्मक असर रोजाना सेब या केले खाने की अपेक्षा केवल खट्टे फलों के सेवन से ही दिखा।
हालांकि, स्टडी ने खट्टे फलों को डिप्रेशन रोकने में असरदार, लेकिन डिप्रेशन पीड़ितों के इलाज में एंटीडिप्रेसेंट दवाओं जितना प्रभावी नहीं माना।
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नतीजों ने खट्टे फलों के अधिक सेवन से F. prausnitzii में हुई वृद्धि अच्छे मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बताई।
पुरुषों पर हुई स्टडी में भी F. prausnitzii के बढ़ते स्तर से उनके डिप्रेशन स्कोर में कमी जानी गई थी।
ये बैक्टीरिया आंत में मानव कोशिकाओं द्वारा उत्पादित दो न्यूरोट्रांसमीटर – सेरोटोनिन और डोपामाइन – के स्तर को प्रभावित करने के लिए पाचन तंत्र का उपयोग करते हैं।
टीम ने उम्मीद जताई कि गहन रिसर्च के बाद डिप्रेशन रोकथाम में दवाओं संग साइट्रस युक्त खट्टे फलों का उपयोग भी होगा।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की यह स्टडी माइक्रोबायोम पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।