दूध, दही जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन कोलोरेक्टल कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है।
यह कहना है एक नई स्टडी का, जिसमें यूके की पांच लाख से अधिक महिलाएं शामिल थी।
स्टडी में कोलोरेक्टल कैंसर के विकास में विभिन्न आहार तत्वों की भूमिका जानी गई थी।
खोजकर्ताओं ने भोजन में मौजूद 97 तत्वों से कोलोरेक्टल कैंसर जोखिम का आकलन किया।
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आकलन में उन्होंने औसतन 60 वर्ष की 542,778 महिलाओं को शामिल किया था।
लगभग साढ़े 16 वर्षों तक उनकी निगरानी करते हुए कोलोरेक्टल कैंसर के 12,251 मामले मिले।
खान-पान से जुड़े 97 आहार कारकों में से 17 कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे में वृद्धि से जुड़े थे।
कोलोरेक्टल कैंसर करने में शराब पीने से वृद्धि, लेकिन कैल्शियम सेवन से कमी जानी गई।
दही, दूध, राइबोफ्लेविन, फॉस्फोरस, पोटेशियम और मैग्नीशियम भी कोलोरेक्टल कैंसर में कमी से जुड़े थे।
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गहन विश्लेषण में इनके सेवन से कैंसर में मिली सुरक्षा कैल्शियम के साथ जुड़ने से संभावित मानी गई।
फल, फाइबर, फोलेट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-सी, साबुत अनाज आदि से भी कैंसर जोखिम में कमी संभव थी।
लेकिन बाजार के प्रोसेस्ड व रेड मीट का सेवन कोलोरेक्टल कैंसर करने में सकारात्मक रूप से शामिल था।
खोजकर्ताओं के मुताबिक, कैल्शियम युक्त आहार कैंसर में सुरक्षात्मक भूमिका प्रदान कर सकता है।
हालांकि, कैल्शियम सेवन में वृद्धि से जुड़े स्वास्थ्य लाभ या जोखिमों की पुष्टि के लिए अधिक खोजबीन आवश्यक है।
बता दें कि कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया में तीसरा सबसे आम कैंसर है। इसके 20221 में अनुमानित 1,926,425 मामले थे।
लाइफस्टाइल प्रभावित कोलोरेक्टल कैंसर कोलन या मलाशय के ऊतकों में विकसित होता है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व में हुई यह स्टडी नेचर कम्युनिकेशंस में छपी थी।
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