बचपन से जवानी तक सिगरेट पीने वालों का दिल समय से पहले ही बीमार हो जाता है।
यह जानकारी यूके की ब्रिस्टल और एक्सेटर यूनिवर्सिटीज तथा ईस्टर्न फिनलैंड यूनिवर्सिटी की साझा स्टडी ने दी है।
स्टडी में 10 वर्ष से ही सिगरेट पीने वाले दो-तिहाई बच्चों का 20 की उम्र तक दिल बूढ़ा होने लगा था।
इस स्टडी में 1,931 बच्चों की 10 से लेकर 24 वर्ष की आयु होने तक जांच-पड़ताल की गई थी।
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बचपन से जवानी तक स्मोकिंग से उनके दिल को असमय नुकसान का जोखिम 52% बढ़ा हुआ था।
नुकसान में दिल का फैलना, तेज धड़कनें, तथा 24 वर्ष की आयु में हाई ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतें शामिल थी।
अन्य कारणों के बावजूद, 17 से 24 वर्ष तक दिल के आकार में वृद्धि पर स्मोकिंग का सीधा प्रभाव 30% था।
ये नतीजे वेपिंग और ई-सिगरेट यूजर्स पर भी लागू माने गए। ऐसे लोगों के दिल को भी अपरिवर्तनीय नुकसान संभव है।
वैज्ञानिकों ने स्मोकिंग से किशोरों के दिल की मांसपेशियों और कार्यों को कम उम्र में भारी क्षति बताई है।
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प्रभावित किशोरों को जवानी के बाद दिल की कई बीमारियों का स्थाई खतरा बढ़ने का अनुमान है।
उपरोक्त नतीजों से युवाओं के दिलों की सुरक्षा के लिए जारी रोकथाम प्रयासों को झटका लग सकता है।
बचाव के लिए पेरेंट्स सहित सरकारी एजेंसियों को स्मोकिंग व निकोटीन इस्तेमाल पर सख्त होने की जरूरत है।
ऐसा न करने से आबादी का एक बड़ा हिस्सा जल्द ही दिल की बीमारियों से ग्रस्त हो जाएगा।
स्टडी का विवरण जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक लेख से मिल सकता है।
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