मधुमेह रोगियों (diabetes patients) को एक बहुत ही कम कैलोरी वाली डाइट (low calorie diet) का सेवन करवा कर उनके खून में बढ़े हुए शुगर लेवल (sugar level) को नियंत्रित किया जा सकता है।
इस कम कैलोरी वाली डाइट (low calorie diet) के इस्तेमाल से वे किसी भी तरह की डायबिटीज कण्ट्रोल करने वाली दवाई को खाये बिना ही अपने शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते है।
कम कैलोरी वाले आहार (low calorie diet) से रोगियों के इंसुलिन में सुधार हुआ
ऐसा खुलासा अमेरिका की पिट्सबर्ग मेडिकल यूनिवर्सिटी के नए शोध में हुआ।
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कम कैलोरी वाले आहार (low calorie diet) दिए जाने के इस अध्ययन के तहत सभी रोगियों के इंसुलिन (insulin) में सुधार हुआ।
आपको बता दें कि इंसुलिन ही वो हॉर्मोन है जो हमारे अग्न्याशय (pancreas) से उत्पन्न होता है। इसका मुख्य कार्य खाने से मिले ग्लूकोज़ (glucose) को सोखना होता है।
अग्न्याशय (pancreas) ही इन्सुलिन के माध्यम से कार्बोहाइड्रेट्स और फ़ैट मेटाबॉलिज़्म को नियंत्रित करता है।
कैलोरी को नियंत्रित करके अग्न्याशय (pancreas) पर तनाव कम कर इंसुलिन सेंस्टिविटी (insulin sensitivity) में मदद मिलती है और मधुमेह (diabetes) के रोगियों को लाभ होता है।
वजन घटाने के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक किया
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इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मधुमेह के 88 रोगियों के डेटा को ट्रैक किया जिन्होंने विश्वविद्यालय के वजन घटाने (weight loss) के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक किया।
उन सभी रोगियों ने हाई प्रोटीन मील रिप्लेसमेंट (high protein meal replacement) के रूप में तीन महीने के लिए एक दिन में 600-800 कैलोरी का सेवन किया।
फिर उन्होंने धीरे-धीरे कैलोरी की कमी को बनाए रखते हुए अन्य खाद्य पदार्थों को फिर से खाना शुरू किया, जबकि ऐसे प्रोसेस्ड और मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज किया गया जो खून में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते है।
6 महीने बाद,12 प्रतिशत डायबिटीज प्रतिभागी बिना दवा के अपने ब्लड शुगर (blood sugar) को नियंत्रित करने में सक्षम थे। अन्य 11% रोगी कम दवा का उपयोग करके सक्षम थे।
औसतन, रोगियों ने कार्यक्रम के अंत तक अपने शुरुआती शरीर के वजन का 17.3 प्रतिशत कम किया था। लेकिन सबसे अधिक वजन घटाने वाले समूह के रोगियों में उन रोगियों की तुलना में ब्लड शुगर नियंत्रण में काफी सुधार हुआ था, जो सबसे कम वजन वाले थे।
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शोधकर्ताओं का मानना है कि ये परिणाम आशाजनक हैं, लेकिन अनुसंधान के अगले चरण का उद्देश्य इस प्रोग्राम के खत्म होने के बाद रोगियों को 12 महीने की अवधि के लिए देखना है ताकि समय बीतने पर इस शोध की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।
उपवास से हो सकता है नुकसान
पिछले अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि उपवास (fasting) से भी कैलोरी की मात्रा को सीमित करके मधुमेह रोगियों को इंसुलिन संवेदनशीलता और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, अत्यधिक कैलोरी (extreme calorie) को रोकना केवल एक्सपर्ट्स की देख-रेख में किया जाना चाहिए।
कैलोरी को ज्यादा रोकने से मसल लॉस (muscle loss) और थकान हो सकती है। साथ ही ठंड, भूख और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है।
ज्यादा गंभीर मामलों में इसके हानिकारक स्वास्थ्य परिणामों जैसे अनियमित दिल की धड़कन, चक्कर आना, खतरनाक रूप से निम्न रक्तचाप और यहां तक कि बेहोशी, जो संभवतः चोट या मृत्यु का कारण बन सकती है, हो सकते है।
नतीजतन, बहुत कम कैलोरी आहार (lower calorie diet) की कोशिश करने में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति को एक पेशेवर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।