प्लास्टिक के महीन कण यानी nanoplastics न केवल पर्यावरण बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हैं।
अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल ने शरीर में घुसे नैनोप्लास्टिक से एंटीबायोटिक उपचार बेअसर होने की आशंका जताई है।
उनकी स्टडी से संकेत मिला है कि नैनोप्लास्टिक एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic resistance) पैदा कर सकते है।
सही अर्थों में, रोगजनक बैक्टीरिया इलाज करने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ़ बचाव विकसित कर लेंगे।
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नैनोप्लास्टिक अपने छोटे आकार के कारण हवा में तैरते रहते हैं और सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।
स्टडी में वैज्ञानिकों ने कुछ नैनोप्लास्टिक का टेट्रासाइक्लिन (Tetracycline) एंटीबायोटिक पर असर जाना था।
टेट्रासाइक्लिन का उपयोग कई अलग-अलग बैक्टीरियल संक्रमणों के इलाज में होता है।
उन्हें नैनोप्लास्टिक कण एंटीबायोटिक्स को अवशोषित करते मिले।
देखे गए नैनोप्लास्टिक में पॉलीइथिलीन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीस्टाइनिन और नायलॉन जैसे प्लास्टिक थे।
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पैकेजिंग व कपड़ों के उपरोक्त नैनोप्लास्टिक, बाहर की अपेक्षा घरेलू हवा में लगभग पाँच गुना ज़्यादा होता है।
एंटीबायोटिक्स से चिपक कर नैनोप्लास्टिक खून के रास्ते शरीर में कई अहम जगहों पर पहुँच सकते हैं।
इससे एंटीबायोटिक्स का प्रभाव कम और रजिस्टेंट बैक्टीरिया का खतरा बढ़ सकता है।
नैनोप्लास्टिक द्वारा एंटीबायोटिक की प्रभावशीलता घटाने से जुड़ी स्टडी पर अभी और छानबीन की जाएगी।
लेकिन इतना तय है कि नैनोप्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए ऐसा जोखिम है, जिसे अधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए, साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित लेख पढ़ा जा सकता है।
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