स्ट्रोक (Stroke) एक जानलेवा स्थिति है। यह दिमाग में पर्याप्त खून न पहुंचने से होता है।
इसके पीछे कई कारण पाए गए है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने तीन कारणों को अहम माना है।
उनकी जांच में स्मोकिंग, हाई ब्लड प्रेशर और एट्रियल फ़िब्रिलेशन यानी तेज धड़कने मुख्य दोषी मिले है।
ये तिकड़ी न केवल स्ट्रोक जोखिम बढ़ाती है, बल्कि मेजर स्ट्रोक पड़ने की संभावना प्रबल करती है।
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नवीन जानकारी के लिए अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने 32 देशों के 26,948 लोगों पर नज़र रखी थी।
62 वर्ष के उन लोगों में से 4,848 को गंभीर और 8,612 को हल्के से मध्यम स्ट्रोक पड़ा था।
कारणों की जांच के बाद वैज्ञानिकों ने एट्रियल फाइब्रिलेशन (अनियमित दिल धड़कने) से गंभीर स्ट्रोक की संभावना 5 गुना ज्यादा पाई।
इस स्थिति के बिना जीवित लोगों की तुलना में हल्के से मध्यम स्ट्रोक का खतरा साढ़े तीन गुना अधिक था।
हाई ब्लड प्रेशर वालों को सामान्य वालों की तुलना में गंभीर स्ट्रोक की संभावना 3.2 गुना, जबकि हल्के या मध्यम की 2.9 गुना अधिक थी।
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स्मोकिंग से गंभीर स्ट्रोक की संभावना 1.9 गुना और हल्के से मध्यम स्ट्रोक की संभावना 1.7 गुना अधिक थी।
इसके अलावा, कमर से कूल्हों तक के साइज को भी गंभीर से लेकर हल्के स्ट्रोक पड़ने की वजह माना गया।
सबसे ज्यादा हाई बीपी कंट्रोल करने पर जोर रहा, क्योंकि यह दुनिया भर में स्ट्रोक का सबसे घातक कारण है।
विस्तृत जानकारी जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट से प्राप्त की जा सकती है।
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