Weight loss diet: अधिक वजन और मोटापा (Obesity) घटाने में खान-पान की विशेष भूमिका है।
वजन घटाने के इच्छुक अक्सर कम कार्बोहाइड्रेट (Low carbohydrates) और ज्यादा फैट वाली डाइट (High fat diet) को असरदार समझते है।
तर्क यह है कि कम कार्बोहाइड्रेट व ज्यादा फैट खाने से कुल कैलोरी (Total calories) सेवन में कमी होती है।
लेकिन वजन घटाने वाली कम कार्बोहाइड्रेट/ ज्यादा फैट डाइट से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) हो सकती हैं।
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17 साल की जांच में ऐसी डाइट खाने वाले को डायबिटीज होने की संभावना 20% तक पाई गई।
यह चौंकाने वाली जानकारी लगभग 40,000 मेलबर्नवासियों पर हुई एक नई स्टडी से मिली है।
नतीजों ने मोटापे और डायबिटीज रोकथाम के लिए कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट की गुणवत्ता देखने की सलाह दी।
जांच में 40 से 69 वर्ष के लगभग 40,000 मेलबर्नवासियों के स्वास्थ्य डेटा का उपयोग किया गया था।
स्टडी टीम ने उनके आहार में कार्बोहाइड्रेट का विश्लेषण करते हुए टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा जाना।
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कुल कैलोरी में 38% कार्बोहाइड्रेट लेने वालों को, 55% कार्बोहाइड्रेट लेने वालों की अपेक्षा, डायबिटीज होने का जोखिम 20% अधिक था।
स्टडी में, मोटापे से पीड़ित लोगों में टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने का खतरा अधिक पाया गया।
बता दें कि कम फाइबर, अधिक मिठास का आहार इंसुलिन खराब करता है। इससे मोटापा और डायबिटीज होते है।
स्टडी टीम ने मोटापे व डायबिटीज से बचने के लिए मैदा, कॉर्न फ्लोर से बने फ़ूड प्रोडक्ट्स में कमी की सलाह दी।
डायबिटीज रोकने में फाइबर युक्त फल-सब्जियां, साबुत अनाज, मछली और मोनो या पॉली अनसैचुरेटेड फैट लाभकारी बताए गए।
कई ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी की यह साझा स्टडी Diabetes & Metabolic Syndrome: Clinical Research & Reviews में छपी थी।