अकेलेपन, इमोशनल सपोर्ट और कभी अंतरंग संबंधों के लिए जिन मोबाइल डेटिंग ऍप्लिकेशन्स (mobile dating apps) की ओर हम आकर्षित होते है, धीरे -धीरे वही हमारे लिए मुसीबत बन जाते है।
इसी से जुड़ा एक अध्ययन हाल ही में सोशल नेटवर्किंग प्रैक्टिस के प्रभाव को समझने वाली पत्रिका, साइबरसाइकोलॉजी, व्यवहार और सोशल नेटवर्किंग, में प्रकाशित हुआ। अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के बीच मोबाइल डेटिंग ऍप्लिकेशन्स (mobile dating apps) का अधिक इस्तेमाल करना डिप्रेशन (depression) के लक्षणों और सामाजिक चिंता से जुड़ा है।
स्टडी बताती है कि डिप्रेशन (depression) के लक्षण बढ़ने पर, ऐसी संभावना हो सकती है कि महिलाएँ सामाजिक संपर्क के लिए ज्यादा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें, खासकर अगर सामाजिक संपर्क के वैकल्पिक रूपों को कम कर दिया जाए।
दूसरी ओर पुरुषों की स्थिति इस मामले में महिलाओं से अलग बताई गयी है। सामाजिक चिंता और अवसाद के लक्षणों में पुरुषों के बीच डेटिंग ऐप (dating app) के साथ संपर्क शुरू करने की कम संभावना का अनुमान लगाया, लेकिन महिलाओं के बीच नहीं।
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यह अध्ययन सामाजिक चिंता, अवसाद और डेटिंग ऐप्स के उपयोग के बीच संबंधों को समझने की दिशा में एक प्रारंभिक कदम प्रदान करता है।
अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि मोबाइल डेटिंग ऐप्स के साथ आज के डेटिंग माहौल को समझने की कोशिश की जा रही है। उनकी उपयोगिता के साथ-साथ उनकी कमियों को समझने के लिए यह अध्ययन महत्वपूर्ण है।