खून में मौजूद प्रोटीन (Blood proteins) 60 से अधिक बीमारियों के विकसित होने की चेतावनी दे सकते है।
यह हैरान करने वाली जानकारी यूके और जर्मनी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की नई स्टडी से मिली है।
इससे बीमारियों को पनपने से पूर्व पहचान पाना संभव होगा, जिससे प्रभावित इंसान का जल्द इलाज हो सकेगा।
गौरतलब है कि कैंसर जैसी कई जानलेवा बीमारियों का पता तुरंत ना लगने के कारण इलाज में देरी होती है।
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ऐसे में खून की एक बूंद से मापे गए हजारों प्रोटीन कई विभिन्न बीमारियों के विकास की भविष्यवाणी कर सकते है।
हालिया स्टडी में विशेषज्ञों ने यूके की एक प्रोटिओमिक्स प्रोजेक्ट (Proteomics Project) के डेटा का इस्तेमाल किया था।
यह अभी तक की सबसे बड़ी प्रोटिओमिक्स (Proteomics) स्टडी कही गई है, जिसमें प्रोटीनों की बड़े पैमाने पर जांच होती है।
स्टडी में यूके बायोबैंक के 40,000 से अधिक इंसानों के हेल्थ रिकॉर्ड से जुड़े लगभग 3,000 प्लाज्मा प्रोटीन देखे गए थे।
प्रत्येक बीमारी की भविष्यवाणी के लिए विशेषज्ञों ने एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए प्रोटीनों की जांच की।
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इस दौरान 5 से 20 प्रोटीनों में मौजूद विशेष बीमारी का आभास देने वाले संकेतों को गहराई से समझा गया।
उन संकेतों से कई कैंसर, मानसिक विकार, फेफड़ों और दिल की बीमारियों के पनपने का खतरा जाना गया।
हैरानी की बात थी कि प्रोटीनों की जांच से दिखी रोग-संभावना, मेडिकल रिकॉर्ड में दर्ज जानकारी से बेहतर पाई गई।
प्रोटीन आधारित भविष्यवाणी ने ब्लड, किडनी, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज टेस्ट के मुकाबले रोग की बेहतर जानकारी दी।
विशेषज्ञों ने उंम्मीद जताई कि इस प्रयास से दुर्लभ स्वास्थ्य समस्याओं सहित कई बीमारियों के लिए भविष्यवाणी करना आसान होगा।
इनमें से कई बीमारियों का पता चलने में महीनों से वर्षों तक का समय लगता था, लेकिन अब समय पर पहचान हो सकती है।
साथ ही, प्रभावितों के लिए नई दवाओं के विकास और संबंधित चुनौतियों का रास्ता भी साफ होने की संभावना हैं।
फिलहाल प्रोटीन भविष्यवाणी को विभिन्न जातीय समूह और आबादी के रोगग्रस्त एवं स्वस्थ नागरिकों में परखना बाकी है।
अधिक जानकारी के लिए नेचर मेडिसिन में आज प्रकाशित स्टडी को पढ़ा जा सकता है।
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