Sleep apnea and heart disease: एक हालिया स्टडी ने खराब नींद को दिल के रोगों की जड़ कहा है।
स्टडी ने ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea -OSA) से पीड़ितों में हृदय रोग होने की संभावना अधिक बताई है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) एक गंभीर स्थिति है जिसमें नींद के दौरान सांस रुकती और शुरू होती है।
समस्या के लक्षणों में ज़ोरदार खर्राटे और रात भर सोने के बावजूद सुबह थकावट महसूस करना है।
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यूएस रिसर्चर्स की स्टडी में OSA प्रभावित 40 वर्ष से कम उम्र वालों को भी हृदय रोग का खतरा मिला है।
यह देखते हुए रिसर्चर्स ने खराब नींद और मोटापा ग्रस्त हर उम्र के इंसान को नियमित शारीरिक जांच की सलाह दी है।
इस बारे में उन्हें 20 वर्ष से अधिक आयु के 9,887 वयस्कों पर हुए एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के विश्लेषण से पता चला था।
विश्लेषण में लगभग 51% लोगों को खर्राटे लेने, हांफने, सोते समय सांस रुकने या दिन में अत्यधिक थकान की समस्या थी।
OSA के ऐसे लक्षणों वालों में एनजाइना, हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी बीमारियों की दर अधिक थी।
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प्रभावितों को हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज या मोटापे जैसे दिल के रोग बढ़ाने वाली दिक्कतें भी थी।
संभावित OSA और हृदय रोग का बढ़ा हुआ खतरा 41 या ज़्यादा उम्र वालों की तुलना में 20 से 40 वर्ष वालों को अधिक था।
OSA पीड़ित युवाओं में हृदय संबंधी समस्या होने की संभावना सामान्य नींद वालों की अपेक्षा तीन गुना अधिक थी।
रिसर्चर्स ने बढ़ते मोटापे और OSA प्रभावित युवाओं को कई तरह की बीमारियों से सावधान रहने की चेतावनी दी है।
जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित यह स्टडी, यूटी साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के रिसर्चर्स ने की थी।