टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) इलाज में उपयोग होने वाली GLP-1 agonists दवाओं से डिमेंशिया (Dementia) रोग कम हो सकता है।
यह जानकारी स्वीडन स्थित कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट की एक नई स्टडी ने eClinicalMedicine पत्रिका में दी है।
स्टडी में शामिल मेडिकल एक्सपर्ट्स ने डायबिटीज पीड़ित 88,000 से अधिक बुजुर्गों की दस वर्षों तक निगरानी की थी।
उनके द्वारा ली गई डायबिटीज की तीन दवाओं GLP-1 agonists, DPP-4 inhibitors, या sulfonylureas का डिमेंशिया पर असर जाना गया।
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Sulfonylureas की अपेक्षा GLP-1 agonists लेने वाले रोगियों में डिमेंशिया विकसित होने का 30% कम जोखिम था।
DPP-4 inhibitors की तुलना में GLP-1 agonists लेने से डिमेंशिया विकसित होने का जोखिम 23% कम था।
गौरतलब है कि GLP-1 agonists या GLP-1 analogs दवाएँ डायबिटीज और मोटापा घटाने में खासी लोकप्रिय है।
ये दवाएं ब्लड शुगर नियंत्रित करने, वजन घटाने में तेजी लाने और दिल की रक्षा करने में सहायक है।
देखा गया है कि डायबिटीज पीड़ितों में डिमेंशिया रोग विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है।
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डिमेंशिया में दिमाग की याददाश्त, सोच, व्यवहार और मनोभाव क्षमता निरंतर कम होती जाती है।
ऐसे में GLP-1 agonists या DPP-4 inhibitors जैसी नई डायबिटीज दवाएं सुरक्षात्मक प्रभाव दे सकती है।
फिलहाल एक्सपर्ट्स ने डिमेंशिया घटाने में GLP-1 agonists की सटीकता जानने के लिए कड़े परीक्षणों की आवश्यकता कही है।