Gut bacteria effects: आंतों में मौजूद स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया कैंसर इम्यूनोथेरेपी (Cancer Immunotherapy) के प्रभाव को बढ़ा सकते है।
यह ताज़ा जानकारी दी है वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों की नई रिसर्च ने।
रिसर्च में बैक्टीरिया रुमिनोकोकस ग्नवस (Ruminococcus gnavus) कैंसर इलाज की इम्यूनोथेरेपी के असर को बढ़ाते मिले है।
बता दें कि लगभग पाँच कैंसर रोगियों में से केवल एक को इम्यूनोथेरेपी इलाज से लाभ होता है।
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इस उपचार में कैंसर से लड़ने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जाता है।
हालांकि, कई कैंसरों को ठीक करने में इम्यूनोथेरेपी उपचार से भी मरीज को स्वास्थ्य लाभ नहीं हुआ है।
इसलिए अब चूहों की इम्यूनोथेरेपी के दौरान कैंसर कोशिकाओं पर माइक्रोबायोम का प्रभाव समझा गया है।
इससे इम्यूनोथेरेपी दवाओं की प्रभावशीलता सुधारने में सहायक प्रोबायोटिक्स का निर्माण हो सकता है।
रिसर्च में विशेषज्ञों ने बढ़ते ट्यूमर पर टी कोशिकाओं का हमला बेअसर करते कैंसर प्रोटीन TREM2 को बाधित किया।
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ट्यूमर कोशिका रक्षक TREM2 के बाधित होने पर कैंसर इम्यूनोथेरेपी दवा अधिक प्रभावी जानी गई।
टीम ने इम्यूनोथेरेपी द्वारा TREM2 बाधित कर सफलतापूर्वक ठीक हुए चूहों के आंत बैक्टीरिया की जाँच की।
थेरेपी से ठीक हुए चूहों में रुमिनोकोकस ग्नवस R. gnavus बैक्टीरिया की अधिकता पाई गई।
यह बैक्टीरिया इम्यूनोथेरेपी से ठीक हुए कैंसर रोगियों के आंत माइक्रोबायोटा में भी पाया गया है।
क्लिनिकल ट्रायल में ऐसे मरीज़ों का मल इम्यूनोथेरेपी उपचार के प्रति उदासीन मरीज़ों में प्रत्यारोपण से लाभ हुआ है।
रिसर्च में रुमिनोकोकस ग्नवस बैक्टीरिया दिए गए चूहों के ट्यूमर का इलाज सफल बताया गया।
चूहों का ट्यूमर इम्यूनोथेरेपी प्रभाव रोकने वाले TREM2 प्रोटीन की उपस्थिति के बावजूद सिकुड़ गया।
रिसर्चर्स के मुताबिक, R. gnavus जैसी अन्य स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया प्रजातियों की पहचान से नए प्रोबायोटिक तैयार हो सकते है।
उन प्रोबायोटिक को कैंसर सुधार के लिए इम्यूनोथेरेपी असर बढ़ाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
विस्तारपूर्वक जानकारी साइंस इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट से मिल सकती है।
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