Poor muscle health in obesity: कमज़ोर मांसपेशियों के कारण मोटापे वालों की शीघ्र मृत्यु होने का खतरा रहता है।
यह हैरान करने वाली जानकारी इटली में आयोजित यूरोपीय कांग्रेस ऑन ओबेसिटी के सम्मेलन ने दी है।
सम्मेलन में प्रस्तुत एक नई स्टडी ने, कमज़ोर मांसपेशियों वाले यूके मोटापा पीड़ितों की मृत्यु संभावना तीन गुना अधिक बताई है।
स्टडी के स्वीडिश रिसर्चर्स ने केवल मांसपेशियों को देखकर ही मोटापा पीड़ितों की कुछ वर्षों में मौत का अनुमान लगाया है।
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गौरतलब है कि टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग जैसी समस्याओं की रोकथाम में वजन घटाने की सलाह दी जाती है।
वर्तमान में उपलब्ध वजन घटाने वाली दवाएं लोगों को पहले की तुलना में ज़्यादा वजन घटाने में मदद भी कर रही है।
लेकिन बिना एक्सरसाइज किए सर्जरी या दवाओं से वजन कम होने पर मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते है।
स्टडी ने मोटापा ग्रस्त व्यक्तियों में मांसपेशियों की कमज़ोरी सहित गुणवत्ता, गतिशीलता और कार्यों में भी गिरावट बताई है।
कमज़ोर पकड़, धीमी चाल, सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई और गिरने का डर मांसपेशियों के खराब स्वास्थ्य को दर्शाते है।
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ऐसे लोगों को जानलेवा बीमारियों के चलते या किसी भी अन्य कारण से असमय मृत्यु का ख़तरा अधिक हो जाता है।
नई स्टडी में यूके बायोबैंक से 60 वर्षीय 56,109 पुरुषों व महिलाओं के शरीर का एमआरआई स्कैन द्वारा विश्लेषण किया गया था।
उनमें कुल 9,840 पुरुषों और महिलाओं को मोटापे की समस्या थी, जिनमें से 2,001 की मांसपेशियों का स्वास्थ्य खराब था।
सभी पर औसतन चार वर्षों तक नज़र रखने के दौरान, 174 लोगों की हृदय रोग व हाई बीपी संबंधित परेशानियों से मौत हुई।
कमज़ोर मांसपेशियों और ज़्यादा बॉडी फैट वालों के जल्द मरने की संभावना स्वस्थ लोगों की अपेक्षा तीन गुना अधिक थी।
स्टडी के नतीजे बताते हैं कि मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए मांसपेशियों का स्वास्थ्य बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रिसर्चर्स ने मोटे लोगों की मांसपेशियों पर तेजी से वजन कम करने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव जानने की भी सलाह दी है।
इससे मोटापे से पीड़ित सभी तरह के रोगियों को सुरक्षित उपचार मुहैया करवाने में मदद मिलेगी।
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