शरीर को स्वस्थ रखने में पेट के बैक्टीरिया (Gut microbiota) की भूमिका असरदार मानी गई है।
इन स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया को बढ़ाने में विशेषकर प्रोबायोटिक्स (Probiotics)अत्यंत सहायक पाए गए है।
प्रोबायोटिक्स जीवित सूक्ष्मजीव हैं जिनका सेवन फर्मेन्टेड फ़ूड प्रोडक्ट्स द्वारा किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने दो ऐसे प्रोबायोटिक पहचाने है जो हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) सामान्य रखने में मदद कर सकते हैं।
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चीन के वैज्ञानिकों ने चूहों पर हुई रिसर्च में ‘बिफीडोबैक्टीरियम लैक्टिस’ और ‘लैक्टोबैसिलस रमनोसस’ का असर जांचा है।
उन्होंने हाई बीपी से ग्रस्त चूहों के उपचार में उपरोक्त दोनों प्रोबायोटिक्स को लाभकारी पाया है।
टीम ने पाया कि कैसे उन प्रोबायोटिक्स ने 16 सप्ताह में चूहों के आंत बैक्टीरिया को सकारात्मक रूप से बदल दिया था।
माना जा रहा है कि भोजन में प्रोबायोटिक फ़ूड प्रोडक्ट्स का सेवन हाई बीपी के इलाज में मदद कर सकता है।
रिसर्च में चूहों को मिठास (फ्रुक्टोज) मिले पानी का सेवन करवाने के बाद हाई बीपी की समस्या से ग्रस्त पाया गया था।
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हालांकि, जिन चूहों को फ्रुक्टोज खिलाया गया था, उनका बढ़ा हुआ बीपी प्रोबायोटिक देने से काफी कम था।
उनके विपरीत, हाई फ्रुक्टोज से बीपी पीड़ित हुए दूसरों चूहों का प्रोबायोटिक्स से इलाज नहीं किया गया।
इससे पता चला कि इलाज के रूप में प्रोबायोटिक देने से बीपी को सामान्य स्तर पर बनाए रखना संभव है।
वैज्ञानिक अब एक बड़े क्लिनिकल ट्रायल द्वारा हाई बीपी के इंसानों पर प्रोबायोटिक्स का सुरक्षात्मक प्रभाव परखना चाहते है।
यह स्टडी अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी के जर्नल एमसिस्टम्स पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
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