दिन के उजाले (Daylight) में रहने से टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) के इलाज और रोकथाम में मदद मिल सकती है।
यह हैरान करने वाली जानकारी दी है एक नई स्टडी ने।
स्टडी से यह भी पता चला है कि दिन की रोशनी हमारे मेटाबॉलिज़्म को स्वस्थ रख सकती है।
इससे डायबिटीज के अलावा हाई बीपी और मोटापे जैसी समस्याओं पर अंकुश लगाने में भी मदद मिल सकती है।
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जानकारी जर्मनी के हैम्बर्ग में आयोजित यूरोपीय एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ़ डायबिटीज की वार्षिक बैठक से मिली है।
निष्कर्ष बताते है कि दिन की प्राकृतिक रोशनी में काम करने से डायबिटीज वालों की शुगर में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है।
स्टडी विशेषज्ञों की मानें तो एलईडी लाइट में काम करने से हमारी आंतरिक घड़ी ख़राब होती है।
नतीजन, टाइप 2 डायबिटीज सहित कई प्रकार के रोगों का ख़तरा बढ़ने लगता है।
उन्होंने ज्यादा समय ऑफिस की आर्टिफिशियल रोशनी की बजाए दिन के प्रकाश में बिताने की सलाह दी है।
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स्टडी में डायबिटीज वाले 13 लोगों पर प्राकृतिक और आर्टिफिशियल लाइट का असर देखा गया था।
पहले कुछ सप्ताह उन्हें दिन के उजाले में और अन्य सप्ताह एलईडी लाइट सिस्टम में काम करवाया गया।
परिणामों में ब्लड शुगर (51% बनाम 59%) एलईडी लाइट सिस्टम की अपेक्षा दिन के उजाले में देर तक सामान्य रही।
दिन के उजाले में शरीर ने ऊर्जा के लिए फैट या कार्बोहाइड्रेट का अधिक उपयोग किया।
बॉडी क्लॉक को नियंत्रित करने वाले जीन भी एलईडी लाइट की अपेक्षा प्राकृतिक प्रकाश में अधिक सक्रिय थे।
आर्टिफिशियल लाइट किस हद तक मेटाबॉलिज़्म को प्रभावित करती है और बचाव के लिए दिन की रोशनी में कितना रहना चाहिए, इस पर और रिसर्च होगी।
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