हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को अपनी दैनिक सैर में मामूली वृद्धि करने से लाभ हो सकता है।
यह जानकारी 60 साल से अधिक उम्र के लगभग 20 लोगों पर हुई एक नई स्टडी से मिली है।
कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी की यह स्टडी जर्नल ऑफ कार्डियोवस्कुलर डेवलपमेंट एंड डिजीज में प्रकाशित हुई थी।
गौरतलब है कि सामान्य बीपी रहने से हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, और स्ट्रोक जैसी दिक्कतों से बचा जा सकता है।
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स्टडी में प्रतिदिन लगभग 7,000 कदम चलने वाले बुजुर्गों का हाई बीपी काफी हद तक कम हुआ था।
वैसे रोज़ाना 10,000 कदम चलना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना गया है। लेकिन अधिकतर बुजुर्ग 4000 कदम ही चल पाते है।
स्टडी में शामिल 68 से 78 वर्ष के वृद्ध महिला और पुरुष औसतन लगभग 4,000 कदम ही चलते थे।
7000 कदम चलने से उनके सिस्टोलिक और डायस्टोलिक बीपी में औसतन क्रमशः सात और चार अंक की कमी आई।
पिछली स्टडीज़ की मानें तो इससे हार्ट प्रॉब्लम्स और स्ट्रोक के खतरे में क्रमश: 18% और 36% की कमी होती है।
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यूनिवर्सिटी स्टडी विशेषज्ञों ने 7000 कदम चलने वाले बुजुर्गों की बीपी दवाओं में भी कमी जानी।
उनके अनुसार, पैदल चलने की एक्सरसाइज करने वालों को बीपी दवाओं का लाभ भी ज़्यादा मिलता है।
उन्होंने यह भी पाया कि चलने की गति की अपेक्षा क़दमों की संख्या अधिक मायने रखती है।
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