चीनी के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं में इज़ाफ़ा होता है।
इसलिए रेडीमेड फ़ूड व ड्रिंक्स बनाने में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स (Artificial sweetener) का उपयोग किया जाता है।
लेकिन अब एक नई स्टडी ने स्वीटनर मिले प्रोडक्ट्स से शरीर की चर्बी (Body fat) में वृद्धि बताई है।
यह स्टडी यूएस की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी सहित कई संस्थानों के विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से की थी।
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उनकी स्टडी में 25 वर्षों तक अधिक वज़न वाले 3088 युवाओं की स्वास्थ्य निगरानी की गई थी।
उनके पेट और मांसपेशियों में लंबे समय तक एस्पार्टेम, सैकरिन व डाइट सोडा सेवन से चर्बी बढ़ी हुई मिली।
हालांकि, स्टडी में सुक्रालोज़ स्वीटनर और फैट मात्रा के बीच कोई महत्वपूर्ण संबंध नहीं पाया गया।
इन चौंकाने वाले नतीजों से अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन व अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सिफारिशें संदेहास्पद थी।
उनकी सिफारिशें मिठास के लिए चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के उपयोग को बढ़ावा देती है।
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परिणामों को देखते हुए फ़ूड एवं ड्रिंक्स में स्वीटनर्स की जगह अन्य तरीक़ों से मिठास लाने की सलाह दी गई।
स्वीटनर्स के सेवन और बॉडी फैट के बीच संबंध को बेहतर ढंग से समझने के लिए अधिक अध्ययन कहे गए।
उनसे यह पता चल सकता है कि खान-पान संबंधी आदतें मोटापे की समस्या कैसे पैदा करती है।
इस बारे में और जानकारी इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ओबेसिटी से मिल सकती है।